सिख  न हिन्दू हैं न मुस्लिम ! क्या हैं सिख धर्म ?
आज संसार में अनेकों धर्म हैं जो ये सिखाते हैं कि इंसान को अपना जीवन
कैसे निर्वाह करना हैं। 
गलत अवधारणा सिख धर्म के बारे:
कई बुद्धिमान लोगो का मानना हैं कि सिख, हिन्दू और इस्लाम धर्म का हिस्सा हैं। परंतु उस परमात्मा को पाने के लिए हर एक का अपना रास्ता हैं परंतु आइये आज समझते हैं कि गुरुओ की गुरबानी "गुरु ग्रंथ साहिब जी " में सिख धर्म के लिए क्या कहा गया हैं।
ऐतिहासिक संदर्भ:
समाज में हिंदू और मुस्लिम धर्मों की कई प्रथाओं का पालन किया जा रहा था।
गुरु नानक देव जी ने इन प्रथाओं में व्याप्त असमानता, कट्टरता और अन्याय का विरोध किया और एक नई राह दिखाई, जो मानवता, सेवा और सच्चाई पर आधारित थी।
गुरबानी के अनुसार:
👉ਨਾ ਹਮ ਹਿੰਦੂ ਨ ਮੁਸਲਮਾਨ ॥ ਅਲਹ ਰਾਮ ਕੇ ਪਿੰਡੁ ਪਰਾਨ ॥੪॥
न हम हिन्दू न मूसलमान । अल्लाह राम के पिंड प्रान।अर्थ : सिख धर्म न तो हिन्दू धर्म से बना हैं न ही मुस्लिम धर्म से। हमारा शरीर और साँसे उस अकाल पुरख ( राम और अल्लाह दोनों एक ही जोत के दो रूप) की देन हैं।
आज्ञा भई अकाल
की,
तभी चलायो पंथ। सब सिखन को हुक्म हैं गुरु मान्यों ग्रंथ।
अर्थ : अकाल पुरख के हुकम से यह पंथ (सिख धर्म
) चलाया हैं और सब सिखन को हुकम हैं कि गुरु ग्रंथ साहिब को छोड़ कर किसी को गुरु या
भगवान नही मानना हैं।   
सिख धर्म की विशेषताएं:
- स्वतंत्र धर्म:
 
- सिख धर्म
      की स्थापना 15वीं शताब्दी में गुरु नानक देव जी ने की
      थी।
 - यह किसी
      भी अन्य धर्म की शाखा नहीं है, बल्कि एक अलग और स्वतंत्र
      धर्म है।
 
- धार्मिक
     सिद्धांत:
 
- सिख धर्म
      एकेश्वरवाद पर आधारित है और यह सिखाता है कि ईश्वर एक है, जो सब जगह मौजूद है।
 - इसमें
      धार्मिक समानता, सेवा, और न्याय पर बल
      दिया जाता है।
 
- गुरु ग्रंथ
     साहिब:
 
- सिख धर्म
      का पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब है, जिसमें सिख
      गुरुओं और अन्य संतों की शिक्षाएं शामिल हैं।
 
- हिंदू और मुस्लिम
     धर्म से अंतर:
 
- हिंदू
      धर्म: बहुदेववाद और मूर्ति पूजा का पालन करता है,
      जबकि सिख धर्म में मूर्ति पूजा वर्जित है।
 - इस्लाम: अल्लाह की पूजा और पैगंबर मोहम्मद को अंतिम पैगंबर मानता है। सिख
      धर्म इस्लाम के सिद्धांतों से भी अलग है।
 
- विशिष्ट
     पहचान:
 
- सिखों की
      विशिष्ट पहचान है, जिसमें पाँच ककार (केश, कड़ा, कृपाण,
      कंघा, कच्छहेरा ) शामिल हैं।
 - उनका पहनावा और जीवनशैली उन्हें अन्य धर्मों से अलग करती है।
 
- धार्मिक स्थल:
 
- सिखों के धार्मिक स्थल गुरुद्वारा कहलाते हैं।
 - हिंदू धर्म में मंदिर और इस्लाम में मस्जिद होते हैं।
 
निष्कर्ष:
सिख धर्म न तो हिंदू है, न मुस्लिम। यह एक स्वतंत्र धर्म है जो सभी धर्मों के प्रति सम्मान का भाव रखता है लेकिन अपनी विशिष्ट धार्मिक पहचान और सिद्धांतों पर आधारित है।

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